है है किशोरी मोहे कब अपनाओगी
हा हा किशोरी मोहे कब अपनाओगी
करुणामयी स्वामिनी मेरी कब मोहे टेर बुलाओगी
बैठी रहूँ द्वार तिहारे किशोरी कभी तो बाहर आओगी
बाँवरी कह कर मोहे स्वामिनी करुणा रस बरसाओगी
राह तकत तेरी निर्धन दासी निज प्रेम का धन लुटाओगी
पतितन की तुम करौ रखवारी इक न इक दिन आओगी
हा हा किशोरी मोहे कब अपनाओगी.....
😭😭😭😭
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