मिलन चटपटी देयो जगाय

हा प्यारी मिलन चटपटी देयो लगाय
ऐसो होय दसा कबहुँ हिय की कछु और न भाय
मेरौ कोऊ जप तप न किशोरी करुणामयी तेरौ सुभाय
एहि जानत बाँवरी दासी तिहारी राधे तोसौं ही आस लगाय
झूठी प्रीति हिय माँहिं राखूँ स्वामिनी आपहुँ साँची देयो बनाय
एहि मांगे बाँवरी दासी तोसौं स्वामिनी कोऊ सेवा भाव हिय आय

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