मोपै कृपा कीजौ
मोपै कृपा कीजौ मोरे नाथा हरिनाम रस सार बनै
हरि हरि नाम जिव्हा सौं उच्चरुं हरिनाम श्रृंगार बनै
भव सिन्धु डोलत रही नैया कौन विधि सौं पार बनै
कृष्ण नाम की नोका चढ़कर भव सिन्धु सौं तार बनै
हरि हरि रटन करै मोरी जिव्हा ये तभी मेरौ उद्धार बनै
नाम की भिक्षा दीजौ नाथा तबहुँ मानुष देह साकार बनै
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