कौन सौं जिव्हा सौं गुण गाऊँ
कौन सौं जिव्हा गाऊँ गुण तेरे साहिब बड़ौ दयाल।
पतित उद्धारण नाम तिहारा पतितन लये सम्भाल।
प्रेम लुटावन आय धरा पर बना भक्त भेस गोपाल।
श्यामाश्याम मिलित तन धारयो गौर बने प्रतिपाल।।
नाम गौरांग जपै जो जिव्हा होय सोइ निहाल।
अति उदार अतिशय दयालु श्रीकृष्ण चैतन्य लाल।।
Comments
Post a Comment