हरिहौं माया लियो भरमाय

हरिहौं माया लियो भरमाय
बाँवरी भई भव रोगी भारी आपहुँ लयो छुड़ाय
आपहुँ लयो छुड़ाय मोय भव रोग जकडयो अति भारी
फूलत फिरै बाँवरी पशु सम अपनो सगरौ जन्म बिगारी
कौन घड़ी लगै भजन चटपटी कौन घड़ी सुमिरनी उठावै
बाँवरी खोटी तू रही जन्म सौं अबहुँ भजन बिन जन्म गमावै

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