लाल हिय
लाल हिय लाली लसै लाली हिय बसै लाल
पुनि पुनि मिलत उमगत पुनहि ज्यूँ कनकलता तमाल
पिय पिय टेरत प्यारी भई हिय पिय कौ भाव समाय
पुनि पुनि बैठी टेरत रही श्यामा राधा कबहुँ आय
भई वियोगिनी आपहुँ प्यारी राधा राधा कह अकुलाय
भूली फिरत बाँवरी राधा हिय ऐसो प्रेम उमगाय
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