बिगड़ी मेरी बनाना

बिगड़ी मेरी बनाना काम है सरकार आपका
पतितन की ही आस है यह दरबार आपका

करुणामयी किशोरी कौन तुमसा है कृपाला
भोरी अति सुकुमारी राधे कोमल चित विशाला
अधमों को निज शरण रखना है उपकार आपका
बिगड़ी मेरी बनाना........

निर्धन की आस रखना निज चरणों से लगाना
झूठी है मेरी प्रीति श्यामा साँची तुम्हीं बनाना
जिस विध राखो मोय राधे है अधिकार आपका
बिगड़ी मेरी बनाना.........

जप तप न साधन कोई श्यामा तोहे पुकारूँ
नयनन की पुतरी आवो श्यामा कब मैं तोहे निहारूँ
दासी को कब मिलेगा राधे सेवा अधिकार आपका
बिगड़ी मेरी बनाना काम है सरकार आपका
पतितन की ही आस है यह दरबार आपका

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