सुधि लीजो
सुधि लीजो मेरी नवल किशोरी
करुणा की तुम खान अति भोरी
सुधि लीजो......
मधुर मधुर है नाम श्रीराधा
मिट जावै सकल भव बाधा
दासी को निज सेवा दीजौ
सुनो प्यारी राधिके निहोरी
सुधि लीजो......
कोऊ जप तप बल न श्यामा
करदो करुणा का आँचल श्यामा
तुम्हरी ठौर छोड़ कित जाऊँ
सुनो राधिके अबहुँ विनय मोरी
सुधि लीजो .........
अश्रु जल सौं चरण पखारुं
श्यामा तेरी ही बाट निहारूँ
हाय लाडली मोहै अपनाओगी
विनय करूँ दोऊ कर जोरि
सुधि लीजो......
बाँवरी चरणन चेरी कीजो
श्यामा अपनी शरण मे लीजो
स्वास स्वास तेरा नाम पुकारूँ
बाँध राखियो निज नेह डोरी
सुधि लीजो मेरी नवल किशोरी
करुणा की तुम खान अति भोरी
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