कोन सुने तुम बिन

कौन सुने मेरी तुम बिन माधो किसको जाय सुनाऊँ
विरह व्यथा समझे कौन मेरो कौन सों जाय बताऊँ
किस विधि रीझे साँवल मेरो मैं सोई विधि अपनाऊँ
पग घुँघुरु पहन कर नाचूँ श्याम ही श्याम मैं गाऊँ
मोहन मैं तेरी बांवरिया किस विधि प्राण रखाउँ
दृग मोरे झर झर जावें साँवल किस विधि धीर धराऊँ
अबहुँ हाथ पकरो पिय मेरो बिरह पीर से नित अकुलाऊँ

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