तू नहीं है
तू नहीं है तेरी याद से ही दिल आबाद है
मुद्दतों पहले मिले होंगें कभी बस इतना याद है
दिल के हर पन्ने पर बस तेरा ही नाम है
लब हैं खामोश से पर कहते कोई फरियाद हैं
तेरे ही इंतज़ार में चलती हैं सांसें मेरी
दुनिया की नज़रों में हम अरसे से बर्बाद हैं
कलम भी मेरी रोती है लिखे भी तो साहिब क्या
कितने दिल के जख्म हैं साहिब कितनी इमदाद है
जाने कब दीदार हो तेरा दे मुझको सांसें इतनी
मुझको तेरा इंतज़ार भी हुआ कितनी मुद्दत बाद है
मेरे जाने से पहले बस एक बार मिल जाना तुम
मेरे इन लबों पर साहिब इतनी सी फरियाद है
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