क्या कीजै

क्या कीजै इन नैनन सों देख्यो नाँहि नन्दकुमार
निरखे बिनहुँ बीत चली उमरिया दीख रह्यो सँसार
मोहे बिन नैनन ही कीजो सांवल इतनी सुनो मुरार
नाँहि देखूँ कछु इन नैनन ते नित होय रहूँ ख्वार
नाव सम्भारो साँवरिया मेरो तुम्हीं बनो मेरी पतवार
मुझ निर्बल माँहि बल कोऊ नाँहि तुम्हीं करो सम्भार
तुम बिन नाथ कौन होय मेरो लीजो हाथ पकर निकार

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