बहुत जन्म बीते

बहुत जन्म बीते रे माधो दिये जन्म अकारण होय
नाम न लीन्हा मुख ते तेरो विरथा जीवन दियो खोय
अबहुँ भव निद्रा ते जाग्यो हरि आपहुँ लियो समोय
तुमरे बिन कौन राखनहारा मेरो और ठौर नाँहि कोय
जगत हंसाई करे मेरो साँवल कहे तू बाँवरी होय
नैन झरत मेरो बिरह पीर माँहि बाँवरी क्षण क्षण रोय

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