कैसे हम सुनाएँ
कैसे हम सुनाएँ दर्द भरे अफसाने
मोहना तेरी याद में रोएँ तेरे दीवाने
हमसे न इश्क़ होगा मोहना तेरे जैसा
तुमको ग़र हो इश्क़ तो आ जाओ निभाने
मेरे झूठे से अश्कों पर तुम नहीं जाना
तुम न कभी रूठना मैं कैसे आऊँ मनाने
है ये नशा मोहब्त का तेरा इश्क़ अजब है
दिन रात पीते हैं ऐसे तेरे मयखाने
तेरा ही जिक्र करते रहें तेरी महफ़िल में हम
आजा तू भी मिलने कभी किसी भी बहाने
लम्बी सी काली रातें काटे नहीं कटती
भरते नहीं हैं जल्दी से कुछ जख्म पुराने
झूठा सा ही लगता है मुझे इश्क़ अपना
तू ही सिखा दे प्यारे हम कुछ भी न जानें
और कितने इम्तिहान अभी बाकी हैं मेरे
तू ही बता दे जिंदगी हम नादान क्या जानें
कैसे हम सुनाएँ दर्द भरे अफसाने
मोहना तेरी याद में रोएँ तेरे दीवाने
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