सदा ही पतझड़

सदा ही पतझड़
😭😭😭😭😭😭😭
सदा ही सावन इन नैनन में हिय माहिं पतझड़ रह्यो
विरह ताप सखी मोहे जरावे किस मुख हिय की पीर कह्यो
नाय आयो सांवर फाग बीत चल्यो री सब ऋतुअन देख ल्यो
प्रियतम बिन जीवन कैसो होय इससे भलो मरन भयो

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