राधा राधा राधा राधा राधा राधा मधुरातिमधुर राधा राधा नाम। रा......धा राधा रा........धा । अहा !!! यह नाम तो जैसे मेरी प्राण निधि हो गया है। राधा राधा राधा ....राधा नाम की धारा ही तन मन प्राण क...
राधा राधा राधा राधा राधा राधा मधुरातिमधुर राधा नाम । रा........धा राधा रा.......धा। राधा नाम केवल दो अक्षरों का जोड़ मात्र ही नहीं। राधा तो श्रीहरि अखिलकोटि ब्रह्माण्डनायक परमतत्व ...
राधा राधा राधा राधा राधा राधा मधुरातिमधुर राधा राधा नाम। रा….........धा…......... राधा रा............धा............ यह नाम तो जैसे प्राणों का संचार करने वाला है। जैसे ही कर्णपुटों से यह नाम भीतर प्रवेश कर...
सुनो !! यहाँ मत आना बहुत दिन से तुम नहीं आए तुम्हारा मकान मेरे पास था न अब तुम मत लौटना नहीं नहीं देख नहीं पाओगे इसका हाल इसका द्वार जड़ हो चुका है जन्म जन्म के कुसंस्कारों से मे...
अपनो बिरद सम्भारो नाथ मोहे अपनी शरण बैठावो क्षण न बिसारुं तुमको नाथा, मेरी ऐसी लग्न लगावो तुम बिन ठौर नहीं कित जाऊँ , अपनो चरण मेरो सीस धरावो व्याकुल मन अति रुदन करे मेरो , करु...
मो सम कौन पातकी नाथा , तुमसों कौन होवै पतित उद्धार भव सिंधु डोलत मेरो नैया , हाथ पकर मेरो करो सम्भार बलहीन को बल तुम्हीं बनो नाथा, निर्बल कैसो होय भवसिंधु पार जन्म जन्म की भटकन...
पतितों का उद्धार न करो जो पतितपावन काहे नाम धराय हो अधमन की सुधि लेवन वारे मो सम पातक काहे बिसराय हो अधम नीच पापिन का कबहुँ विचार कियो सब सों प्रेम निभाय हो बाँवरी अधमन को सि...
वृषभानु दुलारी मेरी श्री राधा प्यारी !! अति सुकुमारी मेरी श्री राधा प्यारी !! बरसाने वारी मेरी श्री राधा प्यारी !! दीजौ न बिसारी मेरी श्री राधा प्यारी !! कँचन वर्णी मेरी श्री रा...
होऊँ तो अधम जन्म सों , तुम सो उदार कौन सब पतितन को प्रेम दियो, प्रेम अवतार कौन शचीनन्दन रूप धरयो , चैतन्य कृष्ण नाम होय हरि प्रेम को प्रसार कियो , नवद्वीप धाम होय राधामाधव युगल ...
तत्वन को तत्व एक सारन को सार होय !!! राधा नाम भजे जो भव सिंधु पार होय !!! भव बन्धन मेटे सभी प्रेम अपार होय !!! हृदय बढ़े प्रेम रस कैसो दुःखियार होय !!! राधा नाम जप बाँवरी कौन सो बिचार होय !!! औ...
बड़भागी कौन ऐसो जिन हिय राधा प्रेम उपजायो !!! राधा राधा नाम जपत ही सार सकल सुखन को पायो !!! राधा जु चरण शरण राखे अपने महल बुलायो !!! महल टहलिनी देवे श्यामा किंकिरी पद को पायो !!! मूर्ख बा...
मूर्ख मन चंचलता न छारी बैठ न होत हरि भजन माँहिं भव रस लेय अनारी जन्म अमोलक प्रभु जी दीन्हा दियो सभी बिगारी हरि चरणन सों नेह न उपज्यो कैसो गति तिहारी हिय कैसो चँचल होवै बाँवर...
काहे मन ऐसो चँचल होवै हरिनाम माँहिं ध्यान धरे ना भव निद्रा माँहिं सोवै स्वास स्वास पायो अमोलक हरिनाम बिना तू खोवै अंतकाल अबहुँ निकट आवे खाली हाथ फिर रोवै बाँवरी जन्म गमा...
रे मनवा काहे तोसे भजन न होवै भाँति भाँति की बात बनावे जगत को सदा रोवै पर दोष चिन्तन करत रहे तू अपनो दोष न दीखे कपटी कुटिल जन्म को कामी कीट होवे नरक सरीखे कबहुँ तू हरिनाम रस ले...
अबहुँ न कीजौ देर नाथ मेरे अबहुँ न कीजौ देर भटक रह्यो बहुत जन्मन ते अबकी करो उबेर अबहुँ न कीजौ ...... विषयन ने मोहे भरमाया , तुमसों हरि न नेह लगाया नाम अमृतरस कबहुँ न चाख्यो , जगत की व...
कीजौ राधा नाम आधार सबन सुखन को सार नाम ये देवै प्रेम अपार चरणन की रज दीजौ श्यामा चरणन सेवा पाऊँ मन मयूर मस्त हो जावै जब राधा राधा गाऊँ चरण चापते जीवन बीते तेरी सेवा ही सुखसार ...
विधना काहे रखिहो स्वासा क्षण क्षण भारी होय प्रियतम बिन मिलन की होय न आसा मै अभागिन कबसों बिछुरी झूठी होय प्रेम पिपासा जो होतो सांचो नेह मेरो पिय सों एकहुँ न आतो स्वासा मैं ...
प्रेम नेह कछु नाँहिं जानू काहे जीवन होय पिय सों बिछुरे कितनो दिन बीते बाँवरी जीवन खोय पाथर होतो तो घस जातो हिय कौन धात को होय नैन न रोवै क्षुधा न खोवे बाँवरी तोहे प्रेम न होय ...
एक सों हिय नाँहिं भरो हमारौ तुम दोऊ दोऊ बन आवो ऐसो नाँहिं कीजौ मोहना खेलो तुम अति इतरावो पूछ्यो बाँवरी सों मन ही मन बूझ मोहे बतावो एकहो होऊँ या छब होय मेरो देख मोहे बतावो बाँ...
राधा राधा नाम रटे रसना और कोऊ रस नाँहिं भावै चरणन की दासी कीजौ श्यामा बाँवरी तोहे रिझावै नाचत गावत करत सिंगार तेरो पुष्पन सों नित्य सजावै बाँवरी अपनी कीजौ श्यामा और कोऊ ठ...
युगल चरण मेरो धर होय साँचो धन मैं पाऊँ कृपा कोर राखियो मेरी श्यामा गुण तेरो ही गाऊँ और कोऊ देव मनाऊँ नाँहिं श्यामा तोहे रिझाऊँ निरख निरख चरणन शोभा बलिहारी मैं जाऊँ रसना गा...
सेवा में रख लीजो किशोरी कीजो चरणन चेरी और ना चाहूँ तुमसों प्यारी विनती सुनियो मेरी भव बन्धन मेरो काटो किशोरी माया जावे घेरी तेरी चरण रज सों ही मिटेगी काल रात्रि अँधेरी दा...
एक सों हिय नाँहिं भरो हमारौ तुम दोऊ दोऊ बन आवो ऐसो नाँहिं कीजौ मोहना खेलो तुम अति इतरावो पूछ्यो बाँवरी सों मन ही मन बूझ मोहे बतावो एकहो होऊँ या छब होय मेरो देख मोहे बतावो बाँ...