हरिहौं माया सौं देयो
हरिहौं देयो माया सौं छुटकारा
बाँवरी निसिदिन फिरै जग लोभी हाय साँचो नाथ बिसारा
जो होतौ नेह साँचो बाँवरी कण भी प्रेम का होतौ पसारा
हिय रहतौ प्रेम रस उमगातौ बन जातौ प्राणन प्यारा
धिक धिक जीवन तेरौ बाँवरी देयो जन्मन जन्म बिगारा
कबहुँ न लगी हिय चटपटी न कबहुँ साँचो नाम पुकारा
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