कबहुँ नाम ही बने

कबहुँ नाम ही बनै सकल निधि
छांड बाँवरी नेम बिरथा सब जगति की विधि
सोइ विधि होय साँची बाँवरी जो हरिप्रेम चखाय
नाम विहीना फिरत बाँवरी भजनहीना तेरौ सुभाय
भजन चटपटी कबहुँ लागै साँची भजन बनै धन
बाँवरी खोटो हिय तेरौ हरिनाम बिना होय निर्धन

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