भजन का बल

हरिहौं भजन का बल दीजौ
बाँवरी डोले जगत वीथिन माँहिं नाथा अपनी कीजौ
नाथा अपनी कीजौ बाँवरी और ठौर नाँहिं भावै
छांड गौर गौरांग बाँवरी अबहुँ कौन द्वारे जावै
ऐसो बल देयो मोहे नाथा साँची पुकार पुकारूँ
छांड बिरथा बात जगति की नाथा गौर गौरांग उच्चारुं

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