साँचो मेरौ साहिब

साँचो मेरौ साहिब सदा सुखदाई
बाँवरी तेरौ नाम कृपा ते गाई

साँचो मेरौ साहिब साँचो होय रँग
क्षण क्षण बिसरै न नाम कौ सँग

साँचो मेरौ साहिब साँची देयो प्रीति
सेवा सुख की न समझूँ रीति

साँचो मेरौ साहिब दीन दयाल
साँचो दियो नाम अति कृपाल

साँचो मेरौ साहिब साँची लग्न लगावो
नाम भजन की मोहे नाव बैठावो

साँचो मेरौ साहिब साँची शरणाई
साहिब होय दयाल प्रीति मैं पाई

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