कोऊ के8 बात

कोऊ की बात छोड़ मन हरिनाम सुधि लेय
हरिभजन ही तारक भव सौं हरिनाम चित्त देय
हरिनाम चित्त देय बाँवरी कोऊ और न साँचो मीत
प्राण बनाय लीजो हरिभजन कौ गाओ प्रभु के गीत
साँचो मीत एक हरि आपनो बाँवरी नाम कौ धन कमाय
हरिनाम सौं प्रीति कर साँची काहे भजनहीन बनै सुभाय

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