भूलकर भी तेरा

भूलकर भी तेरा नाम नहीं भूलता है
जादू तेरे इश्क़ का नहीं तो और क्या है

तेरे इश्क़ ने बदल दी साहिब मेरी जिंदगी
यूँ चेहरे पर लगा चेहरा क्या कोई बदलता है
भूलकर भी तेरा.....

तेरी रहमतों को देखकर आँखें मेरी भर आईं
बनकर रहमतों की बारिश तेरा इश्क़ बरसता है
भूलकर भी तेरा......

सच है अब तेरे नाम बिन जीना नहीं है मुमकिन
धड़कन हो चुके हो तुमसे ही दिल यह धड़कता है
भूलकर भी तेरा.......

कोई लफ्ज़ ही नहीं थे लिखती भी तो कैसे
तेरा इश्क़ ही लफ्ज़ बनकर कलमों से निकलता है
भूलकर भी तेरा......

रूह तलक नीलाम हो जाए अब यही तमन्ना है
जितनी खामोशी मेरी मुझमें उतना तू उछलता है
भूलकर भी तेरा नाम नहीं भूलता है
जादू तेरे इश्क़ का नहीं तो और क्या है

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