हरिहौं हम कठपुत्री भयो

हरिहौं हम कठपुतरी भयौ
जैसो चाहो खेला खेलो जैसो हिय चहयो
जैसो हिय आवे हरिहौं वैसो आपहुँ लयो नचाय
विषय भोग की पुतरी बाँवरी जगति उलझी जाय
चरणन धूरि कीजौ नाथा अब कथपुतरी तिहारी
बाँवरी रहै जिस विधि राखो क्षनहुँ न देयो बिसारी

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