हे प्रभु

भटकें ना मार्ग से हम प्रभु जी
सही रास्ता हमको दिखलाइए
यूं ही व्यर्थ ना हो जाए जीवन
चरणों में अपने ही बैठाइए
कठिन हो कटेंगे सब माया के फंदे
जो चरणों का हमको सहारा मिलेगा
यूं ही ना व्यर्थ हो जीवन सारा
ना जल्दी से फिर दोबारा मिलेगा
हरो सारी पीडा हरो संताप सारे
कब से पडे हैं शरण में तुम्हारे
चरण कमलों में सदा मन लगाऊं
कृपा आपकी से मैं आशिष पांऊ
शरण में मुझे अब रखो प्रभुवर
कहीं फिर से भटकूं ना मैं दर दर
कृपा कर दयालू सारे जगत पर
तेरे चरण कमलों पर झुकता रहे सर
हे मेरे नाथ सब पर कृपा करो
शरणागत की सब पीडा हरो

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