इश्क़ मेरे में कभी

इश्क मेरे में कभी
ये भी असर होगा
मेरी चाहतों से तू
कितना बेखबर होगा

गवारा होगा ना मुझे
रूसवा दिलबर होगा
मोहब्बतें परवानन हों
ये मुझपे कहर होगा

तेरे बिना जाम ए इश्क
सच है जहर होगा
बसता जाने कब मेरी
मुहब्बत का शहर होगा

बावरी मिता

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