तू साहिल
तू साहिल है मेरी कश्ती डूब जाए
क्या तेरी मुहब्बत करेगी गवारा
तू मुझको याद करे एक पल ना
अपना तेरे बिन एक पल ना गुजारा
ना इक पल भी मिलना मेरा मुकद्दर
इसका भी मुझको कोई गम नहीं है
तेरी याद ही तेरे मिलने जैसी
तुझे भूलने वाले हम नहीं है
बस गया है मेरी हर सांस में तू
बता दे तू कैसे मुझसे जुदा होगा
मेरे लिए बस तू यार मेरा
औरों के लिए चाहे खुदा होगा
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