एक बार मिल जाओ

एक बार तो मिल जाओ
यादों में अब जिया ना जाए
आंखों से मय पीनी है
जुदाई का जहर पिया ना जाए

कहना है हाल ए दिल तुमको
खामोश अब रहा ना जाए
सुलग रही है आग अब
बिना बुझाए रहा ना जाए

सबर की इंतहा हो चुकी
सांस भी अब लिया ना जाए
दिल के अंदर छाले कितने
इलाज अब किया ना जाए

तू ही बता दे कब तक भटकूं
तेरे ही दर पर माथा पटकूं
और मेरा अब नहीं टिकाना
दर बदर फिरा ना जाए

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