जे निभणि नही सी

जे निभणियां नही सी क्यों पाईया प्रीतां वे
दस हुन तेरे बाझो मरा वे या जीवां वे

प्रीत लगा के अध्विचकार तुर गयो
भूलके हाय मेरा प्यार तुर गयो
जहर प्याला किवें जिंदगी दा पीवा वे
दस हुन.........

तेरे प्यार विच श्यामा रूह कुरलौन्दी वे
तू भुल्ल गयो सानु तेरी याद आनंदी वे
तेनु भुल्ल के दस किंवे जीवां वे
दस हुन........

इक वारी दस जा तू कदों आना वे
तेरी उडीक विच साहा मुक्क जाना वे
तेरे राह विच नज़रां विछावां वे
दस् हूंण...........

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