बताओ कौन

खुशबों को कौन बांध सका है
कौन रोक सका है हवाओं को

फूल को महकने से कौन रोकेगा
कौन बरसने से रोके घटाओं को

कौन है जो रोक सके पंछी की उड़ान
कौन रोक सकता है कोयलों का गान

किसके बस में है नदियों का बहना
किसके बस में उस उनकहे को कहना

कौन रोक लेगा फलों को तरु से
कौन जल निकालेगा सूखी मरु से

कौन रोक लेगा नाचने से मोर को
कौन रोक लेगा होने से भोर को

ये सब इशारा कर रहे है तेरी और
पा के जिसको मन हुआ भाव विभोर

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