ऊखल लीला

बांध दीयो यशोदा मैया
ऊखल ते उत्पाती कन्हिया

रस्सी छोटी पड़ती जाय
मैया को कछु समझ न आय

देख मैया की ऐसो हालत
स्वयं ही बन्ध गए मुरारी

प्रेम ही बांध सके बस तोहे
तेरी लीला पर बलिहारी

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