तेरा एहसास
अब ये होठ तेरे ही गीत गाएंगे
इन आँखों में ख्वाब तेरे आएंगे
एक तेरा एहसास हो चला रूह को मेरी
जन्मों से प्यासी है कैसे इसे समझायेंगे
हो सकेगा दीदार इन नजरों से कभी
ये जो परदे है कुछ रोज में उठ जायेंगे
तू ही तू है अब मेरा कुछ नही बाकी
मुझमे मैं रह गयी तो कैसे मिट पाएंगे
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