कब आना होगा

कब से बैठी तुमको पुकारूं
जाने कब तेरा आना होगा
बेचैन दिल आवाज लगाए
तुमको सुनकर जाना होगा

अश्क बहें हैं रात दिन मेरे
आकर मन बहलाना होगा
मदहोशी है कबसे छाई
वापिस होश में लाना होगा

रूसवा हुई मैं प्यार में तेरे
तुझको प्यार निभाना होगा
तेरे बिना कोई आस मुझे ना
मुझको अब अपनाना होगा

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