हाय कब आओगे
हाय कब आओगे
रो रो आंखे देखें
राह पर हर नजर
हर आहट की खबर
बेचैनियां इश्क की
तनहाइयां मेरी
बेकरारियां बढी सी
हसरतें मरी सी
खामोशियां बोल रहीं
राज ए दिल खोल रहीं
बेरंग लौटे पैगाम
बिन पिए जाम
चिलमनें गिरी हुई
रोशनी भी गुम
तस्वीर धुंधली सी
आस टूटती सी
सांस छूटती सी
हाय कब आओगे
तुम कब आओगे
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