टूटी फूटी वाणी
टूटी फूटी अटपटी वाणी सौं किशोरी कैसो तेरौ गुणगान करूँ
किस विध नाम टेरत रहूँ श्यामा मधुर नामरस पान करूँ
राधा राधा टेर बाँवरी कीजौ ऐसी कृपा कीजौ मोपै किशोरी
दासी बाँवरी नित रह्यौ अकुलात कोमले सुनो अबहुँ मेरी निहोरी
कोऊ बल न होय मोपै स्वामिनी किस विध चरण रज कौ पाऊँ
सेवा कौ कोऊ नेम न जानूँ किस विध श्यामा तोय रिझाऊँ
तुमसों एकै आस लगाई स्वामिनी रज कर मोय चरण लगावौ
बाँवरी दूर रह्यौ जन्मन ते स्वामिनी अबहुँ सीस पदकमल धरावौ
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