मैं सुन्यो तुम करुणामयी
मैं सुन्यौ तुम करुणामयी अथाह।
मोसौं कौन अधम होय जग माहिं स्वामिनी कीजौ मेरौ निबाह।
मैं सुन्यौ तुम पतितपावन , करुणा की हौ खान किशोरी।
मो सम पतित न खोजै पावौ विनय करूँ तोहे कर जोरी।
जो सुन्यौ सब नाम तिहारे किस विध साँचो होय मैं जानूँ।
एहौ भरोसे स्वासा चालै कृपामयी तोरि करुणा मानूँ।
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