हम तो सदा बहानेबाज
हम तौ सदा बहानेबाज।
भजन हीन फिरैं जग माहिं , छोड़ हिये कौ लाज।
विषयन सँग निशि बासर रमयौ, कोऊ काम न काज।
दरस बिना न हिये अकुलावै, हिय कौ न कीजौ साज।
वृथा गमावै तू जन्म बाँवरी, कल भी वृथा सब आज।
कबहुँ हिय पाथर तेरौ पिघले , कबहुँ क्षण भजन कौ भाज।
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