न हम गोपी

प्रियाप्रियतम बाँवरी:
न हम गोपी न कोऊ भाव।
नाम विहीना मैं मतिहीना नहिं भजन कौ चाव।
हा हा किशोरी लियौ सम्भार , मेरौ डूबत जावै नाव।
षड रस अति नीको लागै,जग जावै हिय पुनि धाव।

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