अपनो लगे रहन सौं काम
अपनौ लगे रहन सों काम
इतनी कृपा कीजौ लाड़िली दीजौ अपना नाम
धन न सम्पद भुक्ति न मुक्ति
दीजौ किशोरी कोई प्रेम की युक्ति
और कहाँ मेरी ठौर लाड़िली तेरे चरण विश्राम
सब रसिकन को ऐहै आहार
सेवत युगल नित नित्य विहार
कीजौ सन्तन रसिकन धूरि पाऊँ श्रीवृन्दावन धाम
अपनौ लगे रहन सौं काम
वाणी सौं कछु और न गाऊँ
श्यामा श्यामा रटन लगाऊँ
चरणन सेवा मिले किशोरी सेवा सुख अविराम
अपनौ लगे रहन सों काम
इतनी कृपा कीजौ लाड़िली दीजौ अपना नाम
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