तुम नाँहिं झूठे हम झूठे

हरिहौं तुम नाँहिं झूठे हम झूठे
भजनहीना सुभाव हमारौ नाथा तबहुँ तुमसे रूठे
झूठो साँचो कहे निशिबासर बाँवरी हिय भरयौ झूठ
कौन विधि दसा सुधरै हमारी रह्यौ ठूँठ कौ ठूँठ
हा हा नाथा काहे मौन धरौ बाँवरी करौ निबेरो
झूठो साँचो तेरे जन होऊँ आपहुँ मुँह न फेरो

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