नेह न साँचो
हरिहौं तुमसौं नेह न साँचो
जगति फिरै हिय मदमाती धन सहेजयो काँचो
काँची देहि काँची ममता काँचे जगति सौं जोरि
साँचो तुम साँचो नाम तिहारो रही जगवीथिन दौरि
हा हा नाथा ढोंग कीन्हें बहुतेरे कबहुँ बाँवरी ठहरे
भोग विषय हिय तपावै हरिहौं हिय राग हुए गहरे
Comments
Post a Comment