भरोसो साँचो
हरिहौं मोय भरोसो साँचो
देयो सुमिरिनि स्वासा स्वास की न करो भरोसो काँचो
तुम होवो साँचो साहिब नाथा हर बात तुम्हारी साँची
झूठो हम होय नाथा सगरौ न हिय नाम रँग राँची
तुम्हरौ नेह होय साँचा नाथा निज जन न कबहुँ बिसरावो
पकरौ आपहुँ बाँवरी कौ डोरी नाथा कस कस चपत लगावो
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