हित को खेल

हित कौ है खेल प्यारो हित ही खेलावै !
हित कौ ही नाच सब हित ही नचावै !!

हित कौ ही प्रेम नेम हित ही बतावै !
हित कौ ही सुख सकल हित सरसावै !!

जय जय हित हरिवंश रसना जो गावै !
हिय युगल मणि हित प्रेम उमगावै !!

बाँवरी कहे हित भज तबहुँ सुख पावै !
हित कौ ही सम्पद हित ही लुटावै !!

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