हमरौ स्वभाव अदमाई

हरिहौं हमरौ स्वभाव अधमाई
भजन बिना बाँवरी पसु सम लौटे रैन दिवस गमाई
पसु भी साँचो होय हरिहौं हम पसुवन सौं बिगरै
कूकर साँचो अपने साहिब सौं हमहुँ झूठे सगरै
सूकरी सम पावत विष्ठा भोगन की ऐसो दसा हमारी
हा हा नाथा कीजौ छुटकारा बाँवरी साँचो धन बिसारी
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