किशोरी कौन को
किशोरी कौन कौ जाय सुनाऊँ
तुमहिं मेरी रति मति स्वामिनी तुमसौं आस लगाऊँ
होऊँ झूठो साँची किशोरी पर तुम साँची जानो
सकल वासना विषय नसावो अरज किशोरी मानो
एकै लालसा हिय उपजावो किशोरी चरणन धूरि लहूँ
नाम कोऊ जिव्हा न आवै स्वासा स्वास श्रीराधा कहूँ
Comments
Post a Comment