जिव्हा को हरिनाम

हरिहौं जिव्हा कौ धन देयो हरिनाम
नयनन सौं निरखुँ छब निसदिन हिय बसों सुखधाम
कर सौं सेवा करूँ भक्तन की चरणन आऊँ धाम
चित्त लगै बस ध्यान तिहारे भजन होय निष्काम
भोग विषय धन लालसा नासै देयो साँचो बिसराम
हरिहौं आप ही धन मेरौ साँचो भजन देयो अविराम

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून