भरि भरि नाम

हरिहौं नाम हिय भरि भरि रखाऊँ
ऐसी लालसा हिय उपजै हरिहौं नाम तेरौ ही गाऊँ
नयनन सौं निरखूँ तोय नाथा करि सौं सेवा सजाऊँ
जिव्हा सौं गान बनै नाम कौ नाथा और कछु न चाहूँ
सकल वासना हरिहौं नासो हरिभजन चटपटी लगावो
बाँवरी मूढ़ा जन्म जन्म सौं निर्धन चरणन माँहिं बैठावो

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