तुम्हरौ किये
हरिहौं तुम्हरौ किये सब होय
विषय भोग की पुतरी बाँवरी भजन भाव न कोय
आपहुँ पकरो हाथा हरिहौं भजनहीना होय सुभाव
हमरौ कोय बल न होय नाथा तुम्हरौ बनत बनाव
करिहौ कृपा नाथा अधमन पर हरिनाम कौ सार
बाँवरी कौ बल तुम्हीं नाथा सुनो विनय मनुहार
हरिहौं तुम्हरौ किये सब होय
विषय भोग की पुतरी बाँवरी भजन भाव न कोय
आपहुँ पकरो हाथा हरिहौं भजनहीना होय सुभाव
हमरौ कोय बल न होय नाथा तुम्हरौ बनत बनाव
करिहौ कृपा नाथा अधमन पर हरिनाम कौ सार
बाँवरी कौ बल तुम्हीं नाथा सुनो विनय मनुहार
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