कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
*कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां*
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
जो कहा न गया होंठो से
पिरोया न गया लफ़्ज़ों में
पर दिल ही कह रहा
और दिल ही सुन रहा
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ बिखर बिखर गया
कुछ सँवर सँवर गया
कुछ उलझ उलझ गया
कुछ महक महक गया
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
मेरा सा कुछ तुझमें है
तेरा सा कुछ मुझमें है
मुझमें भी मैं न रही
तुममें भी तुम न रहे
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
खुशबू तेरी मेरी सांसों में
बातें तेरी मेरी बातों में
तुझमें ही बस खो रहा
न हो रहा मुझसे बयां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ पिया कुछ पिला दिया
तेरा ही तुझे मिला दिया
न मुझमें मेरे होने का
कोई निशां बाकी रहा
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
कुछ तो है न तेरे मेरे दरमियां
नदी के दो किनारे हैं
जो सँग होते जा रहे हैं
बस प्रेम की नदी है यह
जो बह रही है दरमियां
बस इश्क़ ही है दरमियां
इक इश्क़ ही है दरमियां
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