धन्य धन्य वृंदवन रेणु
धन्य धन्य वृन्दावन रेणु
युगल चरण कौ रस नित पावै गान सुने मधुरा वेणु
जेई रेणु कौ सीस धरत नित रसिक हिय युगल खिलावैं
श्रीवृन्दावन नाम कौ गायन मधुर नित्य सहचरी गावैं
जेई रेणु कौ सीस नवावैं कोटिन कोटि देव शक्ति
बाँवरी भज वृन्दावन कबहुँ मिले युगलचरण आसक्ति
Comments
Post a Comment