आज धड़कनों का शोर
आज धड़कनों का शोर फिर से सुना है मैंने
तेरे ही नाम से बेचैन सी हुई जाती हैं
हलचलें रहती हैं दिन रात क्यों मेरे दिल में
नाम तेरा लेकर जाने फिर क्यों बिखर जाती हैं
यूँ तो पूछा है कई बार माजरा क्या है
मुझमें ही रहकर मुझसे ही सब छिपाती हैं
आज धड़कनों का .......
पूछती हूँ इनसे कौन है ख्याल ए दिलबर अपना
नाम ले लेकर तेरा क्यों मुझसे ही शर्माती हैं
आज धड़कनों का.......
कुछ खामोश से कुछ उदास से रहते हैं हम
जाने क्यों बेखुदी में आंखो से अश्क़ गिराती हैं
आज धड़कनों का.......
क्या है हाल ए दिल सच पूछो तो खबर न मुझे
कहती हूँ वही जो मेरी धड़कनें बताती हैं
आज धड़कनों का.......
यही देती हैं मुझे एहसास मेरे जिंदा होने का
मुझमें क्यों जिंदगी के नग्में ये गुनगुनाती हैं
आज धड़कनों का.......
चलो छोड़ो मुझे मेरे दर्द भी अजीज हैं अब
जाने क्यों उजड़े चमन में बहार लाती हैं
आज धड़कनों का शोर फिर से सुना है मैंने
तेरे ही नाम से बेचैन सी हुई जाती हैं
हलचलें रहती हैं दिन रात क्यों मेरे दिल में
नाम तेरा लेकर जाने फिर क्यों बिखर जाती हैं
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