खोलो पट द्वार

खोलो खोलो रे पट द्वार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
काहे देर किए बनवार
सखी सहचरी सब ठाड़ी

लाई कोई थाल भर लडुवा
जी थाल भर भर लडुवा
कोई पुष्पन कौ सिंगार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
खोलो खोलो रे पट द्वार

काहे इतनी देर लगावै
रोज रोज बड़ी देर लगावै
छोड़ो छोड़ो जी ऐसी तकरार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
खोलो खोलो रे पट द्वार

तरसत नयन भर छवि देखूँ
कोऊ घड़ी आवै नयन भर देखूँ
नयनन बहै अश्रु की धार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
खोलो खोलो रे पट द्वार

बांके बिहारी की चितवन बाँकी
जी मेरी सरकार की चिवतन बाँकी
हो नैना तीखी तेज कटार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
खोलो खोलो रे पट द्वार

दूर देस से दरस को आई
युगल मिलन की आस लगाई
मत तरसाओ मेरी सरकार
सखी सहचरी सब ठाड़ी
खोलो खोलो रे पट द्वार

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